डिंडोरी, म.प्र.: मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण (MPRRDA) के तहत बनीं ग्रामीण सड़कों के रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। डिंडोरी जिले की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत निर्मित डिंडोरी-अमरकंटक मार्ग से सेनगुड़ा तक की 6.85km लंबी BTC रोड (पैकेज क्र. MP12MTN067) की बदहाली ने मेंटेनेंस फंड में कथित तौर पर हुई वित्तीय अनियमितता की गंभीर आशंका को उजागर किया है। इस पैकेज में 17 पुलिया (Culverts) भी शामिल थीं, जिनकी अनदेखी की गई है। यह महत्वपूर्ण सड़क अब इस्तेमाल के लायक नहीं बची है और दुर्घटनाओं का कारण बन रही है।
⚠️ MPRRDA के दावे VS. ग्राउंड ज़ीरो की सच्चाई
MPRRDA लगातार यह दावा करता रहता है कि सभी ग्रामीण मार्गों का 'संधारण' (Maintenance) कार्य समय-समय पर होता रहता है।
लेकिन करंजिया से सेनगुड़ा को जोड़ने वाले पैकेज क्र. MP12MTN067 की हालत इन दावों की पोल खोलती है। सड़क पर डामर कम और गहरे गड्ढे ज़्यादा हैं। यह रास्ता अब विकास का मार्गनहीं, बल्कि दुर्घटनाओं को आमंत्रण देता 'जोखिम भरा रास्ता' बन गया है।
"सड़क तो बची ही नहीं, गड्ढे इतने ज़्यादा हैं कि देखकर लगता है जैसे बनने के बाद कभी मेंटेनेंस हुआ ही नहीं है।" – सत्य प्रहार ग्राउंड रिपोर्ट
🎙️ इंजीनियर वर्मा का 'आधा सच' और ज़मीनी झूठ
जब हमने इस बदहाली पर MPRRDA के इंजीनियर संजय वर्मा से बात की, तो उनका जवाब चौंकाने वाला था।
इंजीनियर वर्मा ने स्वीकार किया कि:"रोड का मेंटेनेंस कार्य होना था, किन्तु नहीं हो पाया है।"
उन्होंने यह भी कहा कि "पहले हो चुका है," लेकिन मौके पर ग्रामीणों से बात करने और खुद सड़क की स्थिति देखने पर पता चला कि यह बयान वास्तविक स्थिति से कोसों दूर है। पुल-पुलियों पर कोई पेंट नहीं हुआ है, साइड शोल्डर ठीक नहीं किए गए हैं—यानी मेंटेनेंस का काम सिर्फ कागज़ों पर हुआ है, या लाखों रुपए नियमों की अनदेखी कर खर्च कर दिए गए हैं!
💰 फंड की निकासी: MP12MTN067 या नियमों की अनदेखी?
यह मामला सिर्फ़ साधारण लापरवाही का नहीं, बल्कि गंभीर वित्तीय गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। सूत्रों के अनुसार, जब यह सड़क बनी थी, तभी ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत (नेक्सस) के चलते घटिया निर्माण हुआ था, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। नियमों के अनुसार, मार्ग पर हर साल पुल-पुलियों का रंग-रोगन, साइड शोल्डर की मरम्मत, और मार्ग के बोर्ड का नवीनीकरण अनिवार्य है। सेनगुड़ा मार्ग पर एक भी कार्य नहीं हुआ है। थोड़ी सी बारिश में गाँव का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट जाता है, जिससे ग्रामीणों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी और स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होती हैं।
🛑 NQT और SQT का 'दिखावा': हौसले बुलंद क्यों?
इस मामले की गंभीरता तब और बढ़ जाती है जब पता चलता है कि ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता जांचने के लिए दिल्ली से नेशनल क्वालिटी टीम (NQT) और राज्य स्तर से स्टेट क्वालिटी टीम (SQT) के निरीक्षण का प्रावधान है।
सवाल यह है: NQT/SQT को ये भीषण गड्ढे क्यों नहीं दिखे?
ज़मीनी हकीकत देखकर तो यही लगता है कि आज तक कोई टीम इस मार्ग के निरीक्षण के लिए आई ही नहीं, या अगर आई भी तो वह सिर्फ खानापूर्ति करके चली गई! अधिकारियों ने इस बार के निरीक्षण पर भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया कि यह हुआ या नहीं।
टीमों का यह लचर रवैया और अधिकारियों की अस्पष्टता यह स्पष्ट संदेश देती है कि तंत्र को कोई रोकने वाला नहीं है। इस अनदेखी ने ठेकेदार और इंजीनियर के हौसलों को और भी बुलंद कर दिया है।
📢 सत्य प्रहार की अपील: ज़िम्मेदारों पर तत्काल कार्रवाई हो
यह है मध्य प्रदेश के ग्रामीण विकास के दावों की भयावह सच्चाई। करंजिया-सेनगुड़ा मार्ग (MP12MTN067) पर हो रही इस वित्तीय गड़बड़ी और लापरवाही ने बच्चों के भविष्य और ग्रामीणों की जान को गहरे संकट में डाल दिया है।
सत्य प्रहार माँग करता है:
MPRRDA इंजीनियर संजय वर्मा समेत सभी ज़िम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार पर तुरंत उच्च स्तरीय जाँच हो और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
मेंटेनेंस फंड की वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा किया जाए और सड़क का निर्माण तत्काल शुरू किया जाए।
इस गंभीर मामले पर हमारी नज़र बनी रहेगी।


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