डिंडोरी: जिला प्रशासन की एक महत्वपूर्ण और विशेष पहल के तहत, स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला मुख्यालय के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में जैविक हाट बाजार की शुरुआत की गई है। इस पहल से नगरवासियों को अब प्रत्येक रविवार को हरी-ताज़ी और स्वास्थ्यवर्धक जैविक सब्जियाँ मिलेंगी, वहीं छोटे किसानों को सीधे बाज़ार उपलब्ध होगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
🚀 स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिला बल
मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन और कृषि विभाग के सहयोग से रविवार को इस हाट बाजार का औपचारिक शुभारंभ किया गया। अब हर रविवार को यह बाज़ार सजेगा, जहाँ नगरवासियों को जैविक सब्जियाँ, शुद्ध शहद, मिलेट्स (मोटे अनाज), अन्य स्वदेशी उत्पाद और स्थानीय जैविक सामग्री एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रुदेश परस्ते अपनी पत्नी के साथ हाट बाजार पहुंचे और उत्पादकों से सीधे संवाद किया। श्री परस्ते ने इस पहल को छोटे और सीमांत किसानों के लिए आर्थिक रूप से बेहद लाभकारी सिद्ध होने वाला बताया, जिन्हें पहले अपने उत्पादों के लिए उचित बाज़ार नहीं मिल पाता था।
उन्होंने कहा कि सामान्यतः रविवार को जबलपुर या अन्य जिलों से जो सब्जियाँ आती हैं, वे रासायनिक खाद से उगाई गई होती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। अब ग्रामीण क्षेत्रों में जैविक खाद से उत्पादित सब्जियों को स्थानीय बाज़ार उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को अच्छी, हरी और ताज़ा सब्जियाँ मिल सकेंगी।
🎯 कलेक्टर ने बताया पहल का उद्देश्य
कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने इस अवसर पर कहा कि इस हाट बाजार का प्राथमिक उद्देश्य छोटे किसानों, स्व-सहायता समूहों की महिलाओं और स्थानीय कारीगरों को एक स्थायी और नियमित बाज़ार उपलब्ध कराना है। उनका स्पष्ट लक्ष्य है कि जिले के उत्पाद जिले के लोगों तक पहुँच सकें और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।
👥 कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस महत्त्वपूर्ण शुभारंभ कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष श्रीमती आशा धुर्वे, जिला पंचायत सदस्य श्री हीरा परस्ते, जिला पंचायत सीईओ श्री दिव्यांशु चौधरी, कृषि उपसंचालक सुश्री अभिलाषा चौरसिया, तथा नगर परिषद सीएमओ श्री अमित तिवारी के साथ श्रीमती अर्पणा पांडे और जेटडू सिंह पट्टा सहित सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
यह जैविक हाट बाजार डिंडोरी में स्वास्थ्य, स्थानीय उद्यमिता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम है।
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