🕉️ डिंडोरी मुख्यालय में गूंजे गीता के उपदेश: हजारों लोगों ने किया सामूहिक पाठ, राष्ट्र ग्रंथ घोषित करने की मांग

डिंडोरी (मध्य प्रदेश)। ज्ञान, कर्म और भक्ति का संदेश देने वाले पावन ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता के अवतरण दिवस पर डिंडोरी जिला मुख्यालय में 'गीता दिवस' का भव्य आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के इस ऐतिहासिक समारोह में लगभग 1500 गीता-प्रेमियों ने एक साथ श्रीमद्भगवद्गीता के 15वें अध्याय का सस्वर पाठ कर जिले में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया।






संतों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम को निरंजनी अखाड़ा के महंत श्री स्वामी रामशरण जी पुरी और अग्नि अखाड़ा के महामंडलेश्वर श्री चैतन्य दास जी ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। मंच पर शहपुरा विधायक श्री ओमप्रकाश धुर्वे,कलेक्टर श्रीमती अंजू भदौरिया, नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुनीता सारस,  पुलिस अधीक्षक श्रीमती वाहिनी सिंह, और जिला पंचायत सीईओ श्री दिव्यांशु चौधरी सहित सभी विभागों के प्रमुख उपस्थित थे, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग दिया।



चित्र प्रदर्शनी और संतों का उद्बोधन

इस अवसर पर, जनजातीय विभाग के सहयोग से गीता के महत्वपूर्ण प्रसंगों और उपदेशों को दर्शाती एक शानदार चित्र प्रदर्शनी लगाई गई, जिसने सभी आगंतुकों को आकर्षित किया।

महंत श्री रामशरण पुरी जी ने गीता को 'जीवन जीने की कला' बताते हुए कहा कि इसे किसी भी जाति या धर्म के बंधन से जोड़ना उचित नहीं है, क्योंकि यह मनुष्य को ईश्वर के अंश होने का बोध कराती है।


  • महामंडलेश्वर श्री चैतन्य दास जी ने आह्वान किया कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर युवा को गीता का ज्ञान अवश्य पढ़ना चाहिए।



प्रशासनिक और राजनीतिक हस्तियों ने भी गीता के महत्व को रेखांकित किया। विधायक श्री ओमप्रकाश धुर्वे ने कहा कि गीता को पढ़ने और आत्मसात करने से परहित और समानता का भाव आता है।


कलेक्टर श्रीमती अंजू भदौरिया ने गीता के ज्ञान को 'मिशन विकसित भारत 2047' के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बताया। उन्होंने कहा, "यह एक ऐसा काव्य पाठ है जो हमारे हर सवाल का जवाब देता है और हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।"





आयोजन और व्यवस्था में इनका रहा विशेष योगदान

विश्व गीता प्रतिष्ठान के जिला संयोजक श्री बिहारी लाल द्विवेदी और सह-संयोजक पंडित वीरेंद्र प्रसाद शास्त्री ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। आयोजन की व्यवस्था को सुचारु बनाने में जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती सुमन परस्ते, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य श्री राजेंद्र जाटव, और सीएमओ श्री अमित तिवारी का विशेष सहयोग रहा। सुरक्षा व्यवस्था SDOP श्री सतीश द्विवेदी और TI ट्रैफिक श्री सुभाष उईके ने संभाली।

ज्ञापन सौंपकर राष्ट्र ग्रंथ की मांग, आरती के साथ कार्यक्रम संपन्न

सामूहिक पाठ, व्याख्यान और सम्मान समारोह के बाद, आयोजक समिति द्वारा कलेक्टर और विधायक को राष्ट्रपति महोदय के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन में श्रीमद्भगवद्गीता को 'राष्ट्र ग्रंथ' और संस्कृत भाषा को 'राष्ट्र भाषा' घोषित करने की मांग की गई।


अंत में, गीता जी की भव्य आरती और प्रसाद वितरण के साथ इस ऐतिहासिक गीता दिवस कार्यक्रम की औपचारिक समाप्ति हुई।






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