डिंडोरी: 'स्वच्छ पर्यावरण स्वच्छ नर्मदा' के सशक्त संकल्प को साकार करते हुए, माँ नर्मदा की अविरल स्वच्छता सेवा में विगत तीन वर्षों से सतत जारी 'मैया अभियान' के तहत, रविवार को एक बार फिर घाटों पर महाश्रमदान किया गया। इस सप्ताह, अभियान का केंद्र पुल समीप के घाट रहे, जो नगर में सर्वाधिक प्रदूषण से ग्रस्त माने जाते हैं।
🗑️ पुल समीप घाटों से हटाई गई एक ट्राली प्रदूषित सामग्री
रविवार को प्रातः 7 बजे से आरंभ हुए इस विशेष स्वच्छता सेवा में मैया अभियान के समर्पित सेवादारों ने पुल समीप घाटों की गहन सफाई की। सफाई के दौरान घाटों में फैली हुई काँच की बोतलें, प्लास्टिक पन्नियाँ, दूषित कपड़े एवं अन्य हानिकारक प्रदूषित सामग्री को एकत्रित किया गया। सेवादारों ने इन सभी दूषित वस्तुओं को उठाकर अलग किया और पूरे घाट परिसर में झाड़ू लगाकर स्वच्छता सुनिश्चित की।
इस स्वच्छता सेवा के अंतर्गत, घाट से लगभग एक ट्राली प्रदूषित सामग्री को उठाकर हटाया गया। यह मात्रा डिंडोरी के प्रमुख घाटों पर व्याप्त प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाती है।
🙏 जनचेतना के अभाव पर चिंता और पुलिस से सहयोग की अपेक्षा
मैया अभियान के सेवादार शाहिद खान ने इस अवसर पर बतलाया कि उनकी टीम हर सप्ताह बिना रुके नर्मदा घाटों की सफाई करती है, लेकिन जन चेतना के अभाव के कारण कुछ ही दिनों में घाटों में फिर से गंदगी फैला दी जाती है। उन्होंने इस लापरवाही को अत्यंत चिंताजनक बताया।
मैया अभियान के सभी सदस्यों ने नगर वासियों एवं विद्यार्थियों से भावुक अपील की है कि वे घाटों की पवित्रता बनाए रखने के लिए कम से कम सप्ताह के एक दिन स्वच्छता सेवा में सहयोग करें और घाटों में गंदगी फैलाने वालों को विनयपूर्वक समझाएँ।
इसके अतिरिक्त, टीम ने पुलिस विभाग से यह अपेक्षा व्यक्त की है कि रात्रि में घाटों पर मदिरापान कर गंदगी फैलाने वालों के विरुद्ध जुर्माना वसूली की सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, ताकि घाटों पर स्वच्छता का माहौल बना रहे।
👨👩👧👦 जन आंदोलन बनाने की तैयारी और श्रमदानी
मैया अभियान की टीम अब इस कार्यक्रम को केवल एक सप्ताहिक सेवा न रखकर एक जन आंदोलन बनाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत, टीम स्कूलों एवं कॉलेजों के विद्यार्थियों को स्वच्छता के महत्व से जोड़कर उन्हें सक्रिय रूप से प्रेरित करेगी।
रविवार को आयोजित इस प्रेरक स्वच्छता अभियान में जिला आयुष अधिकारी डॉ. संतोष परस्ते, नेहरू युवा केन्द्र के आर. पी. कुशवाहा, शिक्षक जितेन्द्र दीक्षित, प्राचार्य शाहिद खान, मनोज चौकसे, रक्त देवदूत भागवत यादव, योगेन्द्र गुप्ता, पटवारी आस्था बौद्ध, संतोष परमार, महेंद्र उचेहरा, तथा बी.एड. विद्यार्थी निशा साहु, अर्चना साहू, साक्षी साहू और याथार्त यादव सहित कई समर्पित सदस्यों ने माँ नर्मदा को अपनी अमूल्य सेवा समर्पित की।
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