डिंडोरी पुलिस ने नवंबर 2025 में चलाए गए विशेष 'ऑपरेशन मुस्कान' अभियान के तहत बड़ी सफलता हासिल की है। इस अभियान के परिणामस्वरूप कुल 29 नाबालिग बालक-बालिकाओं को सुरक्षित रूप से बरामद किया गया और उन्हें उनके परिजनों से मिलवाया गया। इन 29 बच्चों में 27 बालिकाएं एवं 2 बालक शामिल हैं।
अभियान का लक्ष्य और नेतृत्व
पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. अमित वर्मा के प्रभावी मार्गदर्शन में, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ज़िले से लापता या गुमशुदा नाबालिगों की सुरक्षित बरामदगी सुनिश्चित करना था। इसके अलावा, बच्चों को बाल श्रम, भिक्षावृत्ति, मानव तस्करी, ऑनलाइन शोषण और किसी भी प्रकार के दुरुपयोग से सुरक्षित रखना भी इस अभियान का लक्ष्य था।
सर्च ऑपरेशन और कार्रवाई
माह भर चले इस अभियान में थाना प्रभारियों, चौकी प्रभारियों और विशेष टीमों ने समन्वित तरीके से कार्रवाई की। पुलिस टीमों ने ज़िले के सभी थाना क्षेत्रों में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाज़ार, धार्मिक स्थल, यात्री निवास, छात्रावास, किराएदार क्षेत्रों, हाईवे किनारे के ढाबों एवं श्रमिक क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखी। इन संवेदनशील स्थलों पर सर्च ऑपरेशन, दस्तावेज़ सत्यापन और निरंतर निरीक्षण किया गया।
गुमशुदगी की आशंका वाले स्थानों पर विशेष टीमों की तैनाती से बच्चों की पहचान और सुरक्षित बरामदगी आसान हुई। इस कार्रवाई में चाइल्डलाइन, स्कूल प्रबंधन, सामाजिक संस्थाओं, आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और ज़िला बाल संरक्षण इकाई के साथ निरंतर समन्वय बनाया गया।
जनजागरूकता पर ज़ोर
बरामदगी के साथ-साथ, अभियान का एक बड़ा हिस्सा जनजागरूकता पर केंद्रित था। नवंबर 2025 में संचालित कार्यक्रमों के माध्यम से कुल 20,500 छात्र-छात्राओं, अभिभावकों और आम नागरिकों को बच्चों की सुरक्षा, साइबर अपराध, मनोवैज्ञानिक पहलुओं एवं आत्म-सुरक्षा के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
नाबालिगों को स्कूल कॉलेजों में सुरक्षा जागरूकता, साइबर सुरक्षा, गुड टच-बैड टच, ऑनलाइन धोखाधड़ी और सोशल मीडिया दुरुपयोग संबंधी प्रशिक्षण भी दिया गया।
इस सफलता ने ज़िले में बाल संरक्षण तंत्र को मजबूत करने और समाज में बच्चों के लिए सुरक्षित माहौल विकसित करने की दिशा में पुलिस की प्रतिबद्धता को उजागर किया है।
नोट: इस खबर के साथ दी गई तस्वीरें (यदि कोई हो) केवल प्रतिनिधित्व (Representation) के लिए उपयोग की गई हैं।
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