✨ डिंडोरी में गीता जयंती महोत्सव की भव्यता! जिले के कोने-कोने में गूंजा 'कर्म' और 'ज्ञान' का संदेश ✨

 डिंडोरी। आज, 01 दिसंबर 2025 को जिले भर में गीता जयंती महोत्सव का भव्य और उत्साहपूर्ण आयोजन किया गया। जिला मुख्यालय से लेकर समस्त विकासखंडों, तहसीलों और ग्राम स्तरों तक, यह पावन पर्व सांस्कृतिक, शैक्षिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ श्रद्धापूर्वक संपन्न हुआ।


🕉️ मंत्रोच्चार और ज्ञान का दीप प्रज्वलन

विकासखंड करंजिया स्थित उत्कृष्ट विद्यालय सहित जिले के अन्य सभी विकासखंडों के विद्यालयों एवं सामुदायिक स्थलों पर कार्यक्रमों की शुरुआत पवित्र गीता ग्रंथ के वैदिक मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन से हुई।

इसके बाद मंच पर गीता के ज्ञान, उपदेश और जीवन में इसके व्यावहारिक महत्व पर आधारित प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू हुआ।


🎭 विद्यार्थियों ने किया 'धर्म' के संदेश को जीवंत


महोत्सव में छात्र-छात्राओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। विद्यार्थियों ने निम्नलिखित गतिविधियों के माध्यम से शांति, सद्भाव और धर्म के संदेश को जीवंत किया:

  • श्लोक वाचन: शुद्ध और मधुर स्वर में गीता के श्लोकों का पाठ किया गया।

  • समूहगान: गीता के उपदेशों पर आधारित समूहगान प्रस्तुत किए गए।

  • नाट्य प्रस्तुति: कृष्ण-अर्जुन संवाद और गीता के महत्वपूर्ण प्रसंगों का नाटकीय मंचन किया गया।

  • भाषण: गीता के शाश्वत मूल्यों पर विचार व्यक्त किए गए।

ग्राम पंचायतों और विद्यालयों में ग्रामीणों, युवाओं और बच्चों ने भी बड़े उत्साह के साथ सहभागिता की, जिसने आयोजन को जन-जन तक पहुंचा दिया।



💡 गीता: जीवन का सर्वोत्तम मार्गदर्शक

वक्ताओं ने श्रीमद्भगवद्गीता को जीवन का सर्वोत्तम मार्गदर्शक बताते हुए कहा कि गीता की शिक्षाएँ कर्म, भक्ति, ज्ञान और आत्म-अनुशासन का संदेश देती हैं।

💬 "गीता जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक एवं नैतिक मूल्यों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।"


🏆 प्रतियोगिताएँ और संकल्प

इस अवसर पर जिलेभर में श्लोक वाचन, निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी और चित्रकला जैसी रचनात्मक प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं।

  • इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

  • विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया।

महोत्सव में शिक्षा विभाग के अधिकारी, विद्यालय प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएँ, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। अंत में, सभी सहभागियों ने गीता के संदेश को जीवन में अपनाने और समाज में शांति, सद्भाव एवं नैतिक मूल्यों को स्थापित करने का दृढ़ संकल्प लिया।

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